मेरे प्रिय आत्मन ;
आप सभी को गुरुपूर्णिमा की ढेर सारी शुभकामनाये !
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरूर देवो महेश्वराय।
गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
मित्रों, गुरू को साक्षात परब्रह्म की संज्ञा दी गई है। और बिन गुरु ज्ञान नाही होवत है . संत कबीर ने भी यही कहा है कि नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार !
हम सभी जीवन के इस संग्राम में अध्यात्म की खोज में एक अनंत यात्रा पर चल रहे है . हृदयम के इस समूह में आप सभी हर दिन , निरंतर इसी यात्रा में दूसरे सहभागियो के साथ बहुत से गुरुओ के द्वारा दिए गये ज्ञान को प्राप्त कर रहे है .
मैं आप सभी को इस यात्रा की बधाई और शुभकामनाये देता हूँ. गुरु आपके जीवन में प्रकाश लाते है . जितना आप अपने गुरु को समर्पित होंगे उतना ही आप ईश्वर के करीब पहुंचेंगे और इस प्रक्रिया में आप अपने गुरु के निकट होंगे. भक्ति की राह में गुरु का होना बहुत जरुरी है .
भगवान कृष्ण के १६ गुरु थे. सोचिये .भगवान भी बिन गुरु के नहीं रहे फिर हम क्या . इसलिए किसी न किसी गुरु के आँचल को थाम लीजिए और अनंत यात्रा में उनका आशीर्वाद प्राप्त करे.
मैं बहुत सौभाग्यशाली हूँ कि मुझे ओशो , रविशंकर, मुरारी बापू, दलाई लामा इत्यादि गुरुओ का आशीर्वाद मिला . और सबसे ऊपर तो मेरे प्रभु श्री साईं ही है .जो गुरु भी है , मित्र भी है .और देवता भी .
अंत में एक बार फिर से आप सभी को गुरुपूर्णिमा की बधाई .
ॐ सांई राम...!
आपका
विजय
3 comments:
बधाई एवं शुभकामनाएँ...
गुरु पूर्णिमा पर बधाई और शुभकामनाएं ... ॐ गुरवे नम:
आपको भी गुरु पूर्णिमा पर बधाई और शुभकामनाएं .
Post a Comment