दोस्तों, स्वामी विवेकानंद मेरे आदर्श है , उनका जन्मदिन १२ जनवरी को है .ये कविता उन्ही को समर्पित है . मैं ये मानता हूँ की अगर उनके बताये हुए संदेशों में से अगर हम एक भी संदेश आत्मसात करें , तो हमारे जीवन में ढेर सारे changes और positive aura का प्रवेश हो जायेगा . मेरा उस महान संत को नमन है और आपसे अनुरोध है कि , अगर हो सके तो इस नए वर्ष में उनका ,कम से कम एक जीवन संदेश को अनुग्रहित करें.
स्वामी विवेकानंद
आज भी परिभाषित है
उसकी ओज भरी वाणी से
निकले हुए वचन ;
जिसका नाम था विवेकानंद !
उठो ,जागो , सिंहो ;
यही कहा था कई सदियाँ पहले
उस महान साधू ने ,
जिसका नाम था विवेकानंद !
तब तक न रुको ,
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो ...
कहा था उस विद्वान ने ;
जिसका नाम था विवेकानंद !
सोचो तो तुम कमजोर बनोंगे ;
सोचो तो तुम महान बनोंगे ;
कहा था उस परम ज्ञानी ने
जिसका नाम था विवेकानंद !
दूसरो के लिए ही जीना है
अपने लिए जीना पशु जीवन है
जिस स्वामी ने हमें कहा था ,
उसका नाम था विवेकानंद !
जिसने हमें समझाया था की
ईश्वर हमारे भीतर ही है ,
और इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है
उसका नाम था विवेकानंद !
आओ मित्रो , हम एक हो ;
और अपनी दुर्बलता से दूर हो ,
हम सब मिलकर ; एक नए समाज ,
एक नए भारत का निर्माण करे !
यही हमारा सच्चा नमन होंगा ;
भारत के उस महान संत को ;
जिसका नाम था स्वामी विवेकानंद !!!
अंतर्यात्रा --ये मेरा एक छोटा सा प्रयास है अपने भीतर की यात्रा पर चलने का .. हम सब बाहर की यात्रा पर चल रहे है .. कभी कभी थोडा सा समय ज़िन्दगी से चुराकर अपने भीतर की यात्रा पर चले... और ये यात्रा एक अध्यात्मिक यात्रा बन जायेंगी ... THE INNER JOURNEY IS A SMALL MOVEMENT BY ME TO TRAVEL INSIDE WHEN EVERYTHING ,ALL THE DOORS ARE CLOSED .. THIS INNER JOURNEY WITH THE SUPPORT OF SPIRITUALITY HELPS US TO FIND THE BETTER PERSON INSIDE US.
Wednesday, January 12, 2011
Saturday, January 1, 2011
कभी भी कुछ भी नहीं ठहरता है ..... NOTHING LASTS FOREVER.....
दोस्तों, आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाये.. दोस्तों.. जीवन में ,कभी भी कहीं भी कुछ भी नहीं ठहरता है .. NOTHING REALLY LASTS FOREVER.. जो आज है वो कल नहीं है... लेकिन जीवन की इस निरंतरता की प्रक्रिया में हम ये सबसे महतवपूर्ण बात भूल जाते है .. की NOTHING IS PERMANENT .WE ARE PART OF A CONTINUOUS CHANGE PROCESS. लेकिन एक बात जो मैं आप सब से कहना चाहूँगा की आज और आज से शुरू होने वाले हर दिन में जितने भी पल आप जियेंगे ... उसमे और कुछ करे या न करे , बस दूसरो के साथ आप मीठा मीठा बोलिए .. चाहे उस इंसान के साथ आपके कितने भी DIFFERENCES हो . क्योंकि क्रोध, अहंकार, नफरत बहुत ही POWERFUL NEGATIVE EMOTIONS है और जब आप इन EMOTIONS के SPELL में होते है तब आपकी भाषा और आवाज दोनों ही संयम छोड़ देते है और दुसरे इंसान पर इसका बहुत ही बुरा असर पड़ता है , आपके उस वक्ती OUTBURST की वजह से , उसके मन में आपके लिए गलत धारणा बन जाती है .. और रिश्तो में संबंधो में दरार आ जाती है , क्योंकि अपरिचित और क्रोध और नफरत और अहंकार में डूबी हुई भाषा और आवाज़ दोनों ही सीधे दिल पर असर करते है ...
कबीर ने भी कहा है की "ऐसी वाणी बोलिए,मन का आपा खोय। औरों को शीतल करे,आपहु शीतल होय."
जीवन क्षणभंगुर है ..मित्रो किसी को और कुछ याद रहे या न रहे ,आपकी बाते खूब याद रहती है ... इसलिए आज से ये महामंत्र याद रखिये और पालन कीजिये .. की दूसरो के साथ अच्छा करे , अच्छे से रहे और सबसे ऊपर , अच्छे से बोले.. क्योंकि.... nothing really lasts forever.
प्रणाम .
प्रणाम .
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