Wednesday, April 11, 2012

ईश्वर

सच तो यही है कि मित्रों ईश्वर मन में बसा हुआ है . उसका वजूद का ख्याल हमें किसी भी सुख में नहीं आता है ,जब दुःख हो तो तुरंत ही उसका ख्याल आता है . अब चूंकि सुख और दुःख दोनों ही मन की ही देन है , इसलिए ईश्वर का होना और नहीं होना वो भी मन की ही देन है . जाकी रही भावना जैसी ,प्रभु मूरत देखी तिन तैसी..! 
प्रणाम ..

Wednesday, April 4, 2012

" सब ठीक ही होंगा "

मेरे प्रिय आत्मन ;

[ आत्मन शब्द मैंने ओशो के प्रवचन से लिया है , पहले मैं मित्रों कह कर सम्बोदित करता था , अब से आत्मन ही कह कर आप सभी को पुकारूँगा,. क्योंकि आपकी और मेरी आत्मा एक ही परमात्मा का अंश है . ]


नमस्कार ;

अक्सर हम शिकायत करते है की मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ , लेकिन कुछ समय बीत जाने के बाद लगता है की जो हुआ अच्छा ही हुआ , जो होता है अच्छे के लिए ही होता है . ईश्वर के बनाए हुए निजाम में थोड़ी देर के लिए लगता है की गलत हुआ है , लेकिन यही सही होता है ,जो कि कुछ देर के बाद पता चलता है . 

समय सब दर्दो की दवा है .. ...!!!

इसलिए उस परमपिता पर विश्वास रखिये . " सब ठीक ही होंगा "

ये ही आज का महामंत्र है : " सब ठीक ही होंगा " इसे अपने जीवन में स्वीकार करिए .

धन्यवाद.
प्रणाम और प्रेम भरे आलिंगनो के साथ
आपका
विजय