अंतर्यात्रा --ये मेरा एक छोटा सा प्रयास है अपने भीतर की यात्रा पर चलने का .. हम सब बाहर की यात्रा पर चल रहे है .. कभी कभी थोडा सा समय ज़िन्दगी से चुराकर अपने भीतर की यात्रा पर चले... और ये यात्रा एक अध्यात्मिक यात्रा बन जायेंगी ... THE INNER JOURNEY IS A SMALL MOVEMENT BY ME TO TRAVEL INSIDE WHEN EVERYTHING ,ALL THE DOORS ARE CLOSED .. THIS INNER JOURNEY WITH THE SUPPORT OF SPIRITUALITY HELPS US TO FIND THE BETTER PERSON INSIDE US.
Friday, February 24, 2012
Friday, February 3, 2012
मैं यह जान गया हूँ .....!!!
मैं यह जान गया हूँ कि कितना ही बुरा क्यों न हुआ हो और आज मन में कितनी ही कड़वाहट क्यों न हो, यह ज़िंदगी चलती रहती है और आनेवाला कल खुशगवार होगा.
मैं यह जान गया हूँ कि किसी शख्स को बारिश के दिन और खोये हुए लगेज के बारे में कुछ कहते हुए, और क्रिसमस ट्री में उलझती हुई बिजली की झालर से जूझते देखकर हम उसके बारे में बहुत कुछ समझ सकते हैं.
मैं यह जान गया हूँ कि हमारे माता-पिता से हमारे संबंध कितने ही कटु क्यों न हो जाएँ पर उनके चले जाने के बाद हमें उनकी कमी बहुत शिद्दत से महसूस होती है.
मैं यह जान गया हूँ कि पैसा बनाना और ज़िंदगी बनाना एक ही बात नहीं है.
मैं यह जान गया हूँ कि ज़िंदगी हमें कभी-कभी एक मौका और देती है.
मैं यह जान गया हूँ कि ज़िंदगी में राह चलते मिल जाने वाली हर चीज़ को उठा लेना मुनासिब नहीं है. कभी-कभी उन्हें छोड़ देना ही बेहतर होता है.
मैं यह जान गया हूँ कि जब कभी मैं खुले दिल से कोई फैसला लेता हूँ तब मैं अमूमन सही होता हूँ.
मैं यह जान गया हूँ कि हर दिन मुझे किसी को प्यार से थाम लेना है. गर्मजोशी से गले मिलना या पीठ पर दोस्ताना धप्पी पाना किसी को बुरा नहीं लगता.
मैं यह जान गया हूँ कि लोग हमारे शब्द और हमारे कर्म भूल जाते हैं पर कोई यह नहीं भूलता कि हमने उन्हें कैसी अनुभूतियाँ दीं.
मैं यह जान गया हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है.
मैं यह जान गया हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है.
Subscribe to:
Posts (Atom)