Thursday, November 24, 2011

HAPPY THANKSGIVING





Hrudayam wishes all members and their families a very happy Thanksgiving Day .
Today is a day of celebration of happiness of harvest and other joys of life.

I have only prayer and message for you all :
Please say thanks to GOD first than to your parents and than to all your friends and relatives and thus the thanksgiving message spreads .BUT try to get THANKS from some unfortunate brothers and sisters of our society by helping them , by supporting them , since GOD has blessed you with all the good things of life: please share some part with the poor and needy and let me tell you; the moment you get a THANK YOU from a needy person/family , whom you helps - that will be the moment of LIFE . That will be the moment of JOY , that will be the moment of Happiness and that will be moment of THANKSGIVING !!!

GOD bless You all..!!!

Pranaam
Love, Lights & Hugs
VIJAY

Friday, October 14, 2011

मन के पाँव.....!!!


प्रिय मित्रों ;

मन के दो पाँव होते है .. एक अतीत में और दूसरा भविष्य में . , और यही सबसे ज्यादा गडबडी होती है , क्योंकि मन कभी भी वर्तमान में नहीं जीना चाहता है . या तो वो अतीत की बातो से खुश या दुखी होते रहता है या फिर भविष्य की कल्पनाओं में उलझा होता है . और चूँकि इस मन का अस्तित्व हममे  होता है ,हमारा पूरा जीवन इस मन की वजह से प्रभावित होते रहता है .

अब सवाल उठता है कि क्या करे. कैसे इस मन को काबू में करे. ये इस संसार का सबसे कठिन काम है . मन की चंचलता उसे काबू में नहीं होने देती .

मैं एक सुन्दर सा उपाय बताता हूँ , जो कि मैं आजमाता हूँ .और वो उपाय है मन में अपने आपको नहीं उलझने देना. जितना आप इसको रोकने की कोशिश करेंगे , उतना ही ये उपद्रव करेंगा . आप इसे छोड़ दीजिए . शांत होने की कोशिश करे. और इससे अलग होने की चेष्ठा करे. आपका ध्यान मन से हटते ही मन शांत हो जायेंगा . और फिर आप वर्तमान को सुन्दर और स्वस्थ बना सकते है .. थोडा समय लगेंगा , लेकिन ये होंगा जरुर . और एक बार आपने इसे कर लिया तो बस फिर कोई बात ही नहीं ...!!!

आपका जीवन शुभ हो , यही मंगल कामना है

आपका
विजय

Thursday, July 28, 2011

" माँ "

 " माँ " से बढ़कर दुनिया में कोई और अच्छा संबोधन नहीं है और न ही , माँ से बढकर कोई और दूसरा व्यक्ति !

लेकिन जब हम बच्चे रहते है , तब हमें माँ बहुत प्यारी  लगती है , जब बड़े हो जाते है तो वही माँ हमें हमारे thoughts , actions , behavior और ज़िन्दगी में interference करती हुई नज़र आती है . जैसे जैसे हम बड़े हो जाते है , हम पाते है की , हमारे पास माँ के लिए न शब्द बचते है , और न ही बाते, और न ही समय !!


हम भूल जाते है की हमें ज़िन्दगी देने वाली ही माँ है . और जब  माँ नहीं रहती है तो , उसकी बड़ी याद आती है . जब सामने रहती है तो उसकी तरफ ध्यान ही नही जा पाता है !


प्रिय मित्रो , अगर माँ है तो उसके पास जाओ और उसे भी प्यार दो . उसकी झोली हमारे लिए कभी भी प्यार से खाली नहीं होती है . बस हम ही बदलने लग जाते है !!


समय रहते , अपनी माँ को ये अहसास दिलवाओ कि तुम हो उसके लिए !!! हमेशा !!!!


- स्वामी प्रेम विजय

Friday, July 22, 2011

प्यार और मित्रता


प्रिय मित्रों ;

आज मैं आप सभी से कुछ कहना चाहूँगा .

सारी
ज़िन्दगी हम प्यार और मित्रता की तलाश करते रहते है , और जैसे ही हमें प्रेम और मित्रता मिल जाती है , हम उसे अपने दो कौड़ी के दिमाग और गज भर लम्बी जबान से सर्वनाश कर देते है .

और
ये लगभग हम सभी के साथ ही होता है . और इसका मुख्य कारण है हमारा दिमाग .हम अपने pre -loaded thought processes को अपनी दोस्ती और अपने प्रेम पर लागू करते है और एक सुन्दर से जीवन का कबाड़ा कर डालते है .

ये
ध्यान रखे की जीवन में प्रेम और दोस्ती बहुत ही मुश्किल से मिलती है . लेकिन दोस्ती या प्रेम करना और इन दोनों को निभाना , वाकई बहुत मुश्किल का कार्य होता है . हम दिल से निभाना चाहते है लेकिन हमारे दुष्ट दिमाग का क्या करे.. वह इन दोनों में हस्तक्षेप करता है और इस तरह से जीवन की सबसे मूल्यवान वस्तु हमारे हाथ से निकल जाती है .

याद रखे की प्रेम या दोस्ती में दुनियादारी या व्यवहार की कोई जरुरत नहीं होती है ,
वहां तो सिर्फ आप दोनों ही होते है .

इसलिए
मेरी विनंती है आप सभी से , कृपया अपना दिमाग को इन दो बातो में न लाये और न ही अपनी जुबान को अधिकार दे कि वो इन दोनों भावो में कुछ कहे. याद रखे , इन दोनों बातो में शब्दों की कोई जरुरत ही नहीं है , यहाँ किसी भी व्यवहार की जरुरत नहीं है , क्योंकि प्रेम और मित्रता में ईश्वर का सच्चा वास होता है

प्रणाम

स्वामी प्रेम विजय




Wednesday, May 11, 2011



मेरे प्यारे दोस्तों, आज का दिन एक और नया दिन है आपके जीवन में .इसके लिए प्रभु को धन्यवाद देना न भूले और इस दिन की तथा हर दिन की शुरुवात कुछ इस तरह से करे.
१.      आँखे बंद करके दुनिया के लिए प्रार्थना करे.
२.     मुस्कराईये
३.     अतीत को भूल जाए.
४.     खुद के सहित सभी को माफ़ करे.
५.    दिल खोलकर हंसिये.
६.      धीरे से kiss  करे.
७.    बच्चो की तरफ देखकर हाथ हिलाए.
८.     प्रकृति में समां जाईये.
९.      अपने काम में १००%  effort दीजिये.
१०.  अपने दिल, दिमाग और शरीर को शांत रखे .
११.  सबके प्रति दयालु बने रहे.
१२. प्रकृति में हर किसी के लिये प्रेम रखे .
और हाँ , सबसे मुख्य बात अपने जीवन से प्रेम करना न भूले .
धन्यवाद और प्रणाम
विजय

Wednesday, January 12, 2011

स्वामी विवेकानंद

दोस्तों, स्वामी विवेकानंद मेरे आदर्श है , उनका जन्मदिन १२ जनवरी को है .ये कविता उन्ही को समर्पित है . मैं ये मानता हूँ की अगर उनके बताये हुए संदेशों में से अगर हम एक भी संदेश आत्मसात करें , तो हमारे जीवन में ढेर सारे changes और positive aura का प्रवेश हो जायेगा . मेरा उस महान संत को नमन है और आपसे अनुरोध है कि , अगर हो सके तो इस नए वर्ष में उनका ,कम से कम एक जीवन संदेश को अनुग्रहित करें.





स्वामी विवेकानंद

आज भी परिभाषित है
उसकी ओज भरी वाणी से
निकले हुए वचन ;
जिसका नाम था विवेकानंद !

उठो ,जागो , सिंहो ;
यही कहा था कई सदियाँ पहले
उस महान साधू ने ,
जिसका नाम था विवेकानंद !

तब तक न रुको ,
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो ...
कहा था उस विद्वान ने ;
जिसका नाम था विवेकानंद !

सोचो तो तुम कमजोर बनोंगे ;
सोचो तो तुम महान बनोंगे ;
कहा था उस परम ज्ञानी ने
जिसका नाम था विवेकानंद !

दूसरो के लिए ही जीना है
अपने लिए जीना पशु जीवन है
जिस स्वामी ने हमें कहा था ,
उसका नाम था विवेकानंद !

जिसने हमें समझाया था की
ईश्वर हमारे भीतर ही है ,
और इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है
उसका नाम था विवेकानंद !

आओ मित्रो , हम एक हो ;
और अपनी दुर्बलता से दूर हो ,
हम सब मिलकर ; एक नए समाज ,
एक नए भारत का निर्माण करे !
यही हमारा सच्चा नमन होंगा ;
भारत के उस महान संत को ;
जिसका नाम था स्वामी विवेकानंद !!!




Saturday, January 1, 2011

कभी भी कुछ भी नहीं ठहरता है ..... NOTHING LASTS FOREVER.....


दोस्तों, आप सभी को नववर्ष  की शुभकामनाये.. दोस्तों.. जीवन में ,कभी भी कहीं भी कुछ  भी नहीं ठहरता है .. NOTHING REALLY LASTS FOREVER..  जो आज है  वो कल नहीं है... लेकिन  जीवन की इस निरंतरता की प्रक्रिया में हम ये सबसे महतवपूर्ण बात भूल जाते है .. की NOTHING IS PERMANENT .WE ARE PART OF A CONTINUOUS CHANGE PROCESS. लेकिन एक बात जो मैं आप  सब से कहना चाहूँगा की आज और आज से शुरू होने वाले हर दिन  में जितने भी पल आप जियेंगे ... उसमे और कुछ करे या करे , बस दूसरो के साथ आप मीठा मीठा बोलिए .. चाहे उस इंसान के साथ आपके कितने भी DIFFERENCES हो . क्योंकि क्रोध, अहंकार, नफरत बहुत ही POWERFUL NEGATIVE EMOTIONS है और जब आप इन EMOTIONS के SPELL में होते है तब आपकी भाषा और आवाज दोनों ही संयम छोड़ देते है और दुसरे इंसान पर इसका बहुत ही बुरा असर पड़ता है  , आपके उस वक्ती OUTBURST की वजह से , उसके मन में आपके लिए  गलत धारणा बन जाती है .. और रिश्तो में संबंधो में दरार जाती है , क्योंकि अपरिचित और क्रोध और नफरत और अहंकार में डूबी हुई भाषा और आवाज़ दोनों ही सीधे दिल पर असर करते है ...

कबीर ने भी कहा है की  "ऐसी वाणी बोलिए,मन का आपा खोय। औरों को शीतल करे,आपहु शीतल होय."  

जीवन क्षणभंगुर है ..मित्रो किसी को  और कुछ याद रहे या न रहे ,आपकी बाते खूब याद रहती है ... इसलिए आज से ये महामंत्र याद रखिये और पालन कीजिये .. की दूसरो के साथ अच्छा करे , अच्छे से रहे और सबसे ऊपर , अच्छे से बोले.. क्योंकि.... nothing really lasts forever.
प्रणाम .